एक आदमी हमेशा की तरह अपने नाई की दुकान पर कटवाने गया। बाल कटवाते वक्त अक्सर देश-दुनिया की बातें हुआ करती थी। आज भी वे सिनेमा, राजनीती और खेल जगत इत्यादि के बारे में बात कर रहे थे कि अचानक भगवान के अस्तित्व को लेकर बात होने लगी।
नाई ने कहा, “देखिए भैया, आपकी तरह में भगवान के अस्तित्व में यकीन नहीं रखता।” आदमी ने पूछा, “तुम ऐसा क्यों कहते हो?” नाई ने कहा, “अरे यह समझना बहुत आसान है, बस गली में जाइए और आप समझ जाऐंगे कि भगवान नहीं है। आप ही बताइए कि अगर भगवान होते तो क्या इतने लोग बीमार होते? इतने बच्चे अनाथ होते? अगर भगवान होते तो किसी को कोई दर्द कोई तकलीफ नहीं होती।”
नाई ने बोलना जारी रखा, “मैं ऐसे भगवान के बारे में नहीं सोच सकता जो इन सब चीजों को होने दे। आप ही बताइए कहाँ है भगवान?” आदमी एक क्षण के लिए रुका, कुछ सोचा पर बहस न बढे इसलिए चुप ही रहा। नाई ने अपना काम खत्म किया और आदमी कुछ सोचते हुए दुकान से बाहर निकला और कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया।
कुछ देर इंतजार करने के बाद उसे एक लंबी दाढ़ी-मुछ वाला अधेड़ व्यक्ति उस तरह आता दिखाई पड़ा। उसे देखकर लगता था मानो वह कितने दिनों से नहाया धोया न हो। आदमी तुरंत नाई की दुकान पर वापस घुस गया और बोला, “जानते हो इस दुनिया में नाई नहीं होते।” नाई ने सवाल किया, “भला कैसे नहीं होते हैं? मैं साक्षात तुम्हारे सामने हूँ।” आदमी ने कहा, “नहीं वह नहीं होते हैं वरना किसी की भी लंबी दाढ़ी-मुछ नहीं होती। पर वह देखो सामने उस आदमी की कितनी लंबी दाढ़ी-मुछ है।”
नाई बोला, “अरे नहीं भाई साहब नाई होते हैं लेकिन बहुत से लोग हमारे पास नहीं आते।” आदमी ने नाई को रोकते हुए कहा, “बिलकुल सही, यही तो बात है। भगवान भी होते हैं लेकिन लोग उनके पास नहीं जाते और न ही उन्हें खोजने का प्रयास करते हैं इसलिए दुनिया में इतना दुख-दर्द है।
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