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Wednesday, 2 February 2022

वीरभद्र तंत्रोक्त सर्वेश्वरी साधना

 


वीरभद्र तंत्रोक्त

सर्वेश्वरी साधना

वीरभद्रतन्त्रं अपने आप मे गोपनीय

साधनाओ का संग्रह है, यह गुप्त ग्रन्थ मे

अनेको साधना रहस्य दिये गए है

जो की अपने आप मे सरल तथा प्रामाणिक

है. एक समय पर यह बहोत ही बड़ा तन्त्र

साहित्य ग्रन्थ हुआ करता था लेकिन

इसके कई भाग काल क्रम मे

लुप्तता को प्राप्त हो गए. खेर, इस

ग्रन्थ मे कई देवी देवताओ

की साधना विधियां स्पष्ट की गई है

जिसमे मारण, वशीकरण, आकर्षण, मोहन

और कार्य सिद्धि से सबंधित प्रयोग

निहित है. प्रस्तुत प्रयोग ग्रन्थ का एक

कीमती रत्न है. यह

सर्वेश्वरी साधना है. इस

साधना का मंत्र स्वयं सिद्ध है इस लिए

सफलता की संभावना ज्यादा है. साथ

हि साथ इस मंत्र की एक और खासियत

यह है की व्यक्ति इसमें साधना क्रम

का चुनाव खुद कर सकता है तथा अपने

मनोकुल परिणाम के लिए प्रयत्न कर

सकता है. इस प्रकार तंत्र के क्षेत्र मे यह

एक अत्यधिक महत्वपूर्ण और गोपनीय

प्रयोग है.

इस साधना को करने के लिए साधक

किसी ऐसे स्थान का चयन करे जहा पर

उसे साधना के समय पर कोई भी व्यव्घान

न आए. साधक को प्रयोग मंगल वार

रात्री से शुरू करना चाहिए.

माला रुद्राक्ष की रहे तथा वस्त्र और

आसान लाल. दिशा उत्तर रहे. साधक

निम्न रूप से इस मंत्र के विविध प्रयोग

कर सकता है. मंत्र के सबंध मे विवरण जिस

प्रकार से दिया गया है वह इस प्रकार

है.

इस मंत्र के स्मरण मात्र से सर्व भूत

राक्षस दुष्ट हिंसक पशु

डाकिनी योगिनी इत्यादि सर्व

बाधाओ का निवारण होता है. जब

भी इस प्रकार के कोई खतरे

की शंका हो तब इस मंत्र का ७ बार

जाप करना चाहिए. इस प्रयोग के लिए

मात्र मंत्र याद होना ज़रुरी है. यह

स्वयं सिद्ध है, इस लिए इस प्रयोग के

लिए इस मंत्र को सिद्ध करने का विधान

नहीं है. सीधा प्रयोग मे ला सकते है.

इस मंत्र का एक हज़ार बार जाप कर

लिया जाए तो व्यक्ति की याद

शक्ति तीव्र हो जाती है

तथा मेघावी बन जाता है

अगर १०००० बार जप कर लिया जाए

तो उसे सर्व ज्ञान अर्थात त्रिकाल

ज्ञान की प्राप्ति होती है

अगर इसे एक लाख जाप के अनुष्ठान के रूप

मे जाप किया जाए

तो व्यक्ति को खेचरत्व या भूचरत्व

की प्राप्ति होती है.

साधक खुद ही अपने इच्छित प्रयोग के

लिए दिनों का चयन कर सकता है की वह

इतने दिन मे इतने मंत्र जाप करेगा.

सर्वेश्वरी मंत्र :


यह तीव्र मंत्र है अतः कमज़ोर ह्रदय

वाले साधक को इस मंत्र

की साधना नहीं करनी चाहिए.

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