भूत साधना का एक अनुभव और साधना
हमारे उड़ीसा में तंत्र की काफी प्रचलित हे और यहाँ के लोग काफी तंत्र विद्या के सिद्ध हस्त हे उनमे से एक साधक से मेरी भेट हुआ था जो सोनपुर जिले के रहने वाला था ३२उमर होगी उसकी उस समय मेरे रिसदीदार थे और मुझे भी तंत्र के रहस्य को जाने की बहुत इच्छा थी तो रात को हम बैठे थे तो मेने सोचा चलो कुछ तंत्र की बाते करे फिर ऐसे दोनों कुछ समय बाते करे
और फिर उसने एक बात बताया की लकी मेने एक बार भुत साधना किया था गुरु से लेके और तुम्हे बताता हु सुनो कैसे हुआ उस दिन वो बोलने लगे की मेने एक बेल बृक्ष के निचे भुत साधना किया था और सफ़ेद धोती पहने हुए रुद्राक्ष से जप किया था रोज ४१माला २१दिन तक कर न था मेने घर पे किसी को नहीं कहा और चला गया वह ना धोके शिव जी का चित्र लगाया एक दिया जलाया और गुरु मन्त्र जप करके मूल मन्त्र जपने लगा जब २१माला पूरा हुआ था तब कई तरह के आवाजे आने सुरु हो गए थे में डर गया पर जप करता रहा ऐसे ३ दिन बिट गए जब अगले दिन जप कर रहा था तो किसी की आवाजे मेरी कानो में गूंज रहा था पता नहीं किसका पर ऐसा होता रहा
जप के दौरान कुछ दिन बात रोज आवाजे आना मेरे कानो में कुछ कहना ये सब होता रहा ऐसे कुछ दिन जाने के बात जब जप करने बैठा तब कोई परछाई आके मेरे पास बैठ जाता था और कुछ साम्य तक बहुत कुछ मेरे कानो में केहतरा था एक दिन में घर में था और उस मन्त्र को स्मरण किया तब हूबहू वही आवाजे फिर आने लगी वो आवाज थी क्या हुआ ...फिर में घबरा गया गुरु के पास था तो उनसे पूछा तो बोले कुछ नहीं किसी को बताना मत तो मेने नहीं बताया और साधना करता रहा
१माह के बात एक परछाई दूर प्रत्यक्ष दिखाई दिया और उसके आवाजे साफ़ सुनाई दी और अगले दिन साधना करते करते उसकी दर्शन किया एक सामान्य सा लड़का था जो बिलकुल मानब लग रहा था ना कोई डराबना चेहरा ना कोई बदबू दार एक दम एक मनुष्य उसने पूछा क्यों बुलाया मुझे मेने कहा सिद्धि हेतु तो उसने बोलै चल तेरे काम में करूँगा और ऐसे कुछ घटना हुआ फिर कई वर्ष तक उस अंकल के साथ भुत रहा हे पर वो अंकल हमेसा शारीरिक प्रॉब्लम थोड़ा थोड़ा हो ता था जब किसी दुर्गा मंदिर में जाते थे तो वो भुत साथ नहीं जा पाटा था और इसलिए उन्होंने उसको बुलाना छोड़ दी पूजा बन कर दी तो धीरे धीरे सिद्ध भी चली गयी पर आज भी अगर बो करेंगे तो वो आजायेगी
और वो मन्त्र तो यहाँ बता नहीं सकता उनने मन किये हे ,,,ये कुछ प्रसंग थे
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