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Thursday, 24 June 2021

*एक सत्य कथा:-* *🟣💖हनुमान चालीसा की उत्पत्ति

 


*एक सत्य कथा:-*

*🟣💖हनुमान चालीसा की उत्पत्ति*

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*यह कहानी नही एक सत्य कथा है*

*शायद कुछ ही लोगो को यह पता होगा.....?*

 *पवन पुत्र हनुमान जी की आराधना तो*

*सभी लोग करते है और हनुमान*

*चालीसा का पाठ भी करते है, पर इसकी उत्पत्ति कहा और कैसे हुई यह जानकारी बहुत ही कम लोगो को होगी।*

*बात 1600 ईसबी की है यह काल अकबर और तुलसीदास जी के समय का काल था।*

*एक बार तुलसीदास जी मथुरा जा रहे थे रात होने से पहले उन्होंने अपना पडाव आगरा में डाला, लोगो को पता लगा की तुलसी दास जी आगरा में पधारे है। यह सुन कर उनके दर्शनों के लिए लोगो का ताँता लग गया।  जब यह बात बादशाह अकबर को पता लगी तो उन्होंने वीरबल से पुंछा की यह तुलसीदास कौन हैं.....?*

*तब वीरबल ने बताया, इन्होंने ही रामचरितमानस का अनुवाद किया है यह रामभक्त तुलसीदास जी है। मैं भी इनके दर्शन करके आया हूँ।अकबर ने भी उनके दर्शन की इच्छा व्यक्त की और कहा में भी उनके दर्शन करना चाहता हूँ।*

*बादशाह अकबर ने अपने सिपाहियो की एक टुकड़ी को तुलसीदास जी के पास भेजा और  तुलसीदास जी को बादशाह का पैगाम सुनाया, की आप लाल किले में हाजिर हों। यह पैगाम सुन कर तुलसीदास जी ने कहा की मैं भगवान श्रीराम का भक्त हूँ, मुझे बादशाह और लाल किले से मुझे क्या लेना देना और लाल किले जाने की साफ मना कर दिया। जब यह बात बादशाह अकबर तक पहुँची तो बहुत बुरी लगी और बादशाह अकबर गुस्से में लालताल हो गया, और उन्होंने तुलसीदास जी को जंज़ीरों से जकड़बा कर लाल किला लाने का आदेश दिया। जब तुलसीदास जी जंजीरों से जकड़े लाल किला पहुंचे तो अकबर ने कहा की आप कोई करिश्माई व्यक्ति लगते हो, कोई करिश्मा करके दिखाओ। तुलसी दास ने कहा मैं तो सिर्फ भगवान श्रीराम जी का भक्त हूँ कोई जादूगर नही हूँ जो आपको कोई करिश्मा दिखा सकूँ। अकबर यह सुन कर आग बबूला हो गया और आदेश दिया की इनको जंजीरों से जकड़ कर काल कोठरी में डाल दिया जाये।*

*दूसरे दिन इसी आगरा के लाल किले पर लाखो बंदरो ने एक साथ हमला बोल दिया पूरा किला तहस नहस कर डाला। लाल किले में त्राहि त्राहि मच गई तब अकबर ने वीरबल को बुला कर पूंछा की वीरबल यह क्या हो रहा है....?*

*वीरबल ने कहा*

 *हुज़ूर आप करिश्मा देखना चाहते थे तो देखिये।*

*अकबर ने तुरंत तुलसी दास जी को कल कोठरी से निकल वाया। और जंजीरे खोल दी गई।*

*तुलसीदास जी ने वीरबल से कहा मुझे बिना अपराध के सजा मिली है।*

*मैने काल कोठरी में भगवान श्रीराम और हनुमान जी का स्मरण किया में रोता जा रहा था। और मेरे हाथ अपने आप कुछ लिख रहे थे यह 40 चौपाई, हनुमान जी की प्रेरणा से लिखी गई है।*

*जो भी व्यक्ति कष्ट में या संकट में  होगा और इसका पाठ करेगा ,उसके कष्ट और सारे संकट दूर होंगे। इसको हनुमान चालीसा के नाम से जाना जायेगा।*

*अकबर बहुत लज्जित हुए और तुलसीदास जी से माफ़ी मांगी और पूरी इज़्ज़त और पूरी हिफाजत,लाव लश्कर से मथुरा भिजवाया।*

*आज हनुमान चालीसा का पाठ सभी लोग कर रहे हैं। और हनुमान जी की कृपा उन सभी पर हो रही है। और सभी के संकट दूर हो रहे है। हनुमान जी को इसीलिए "संकट मोचन" भी कहा जाता है।*

*जय श्री राम, जय श्री हनुमान*

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