रावण की वास्तविक आयु के बारे में किसी ग्रंथ में कोई वर्णन नही दिया गया है। मैंने कोरा पर कई उत्तर देखे कि रावण तो 20 लाख वर्ष का था, किसी ने कहा वो 80 लाख वर्ष का था या कुछ और। एक बात समझ लें कि अगर कोई रावण की वास्तविक आयु बता रहा है तो वो झूठ बोल रहा है। रामायण में ना रावण की आयु और ना ही श्रीराम की आयु के बारे में कुछ कहा गया है। लेकिन इन दोनों के शासनकाल के विषय मे जानकारी दी गयी है जिससे हम इनकी आयु का केवल अंदाजा लगा सकते हैं।
पर इससे पहले कि हम उनकी आयु के विषय मे जाने, बस सरसरी तौर पर पौराणिक काल गणना समझ लेते हैं क्योंकि विस्तार से तो इस लेख में बताना संभव नही। त्रेतायुग 3600 दिव्य वर्षों का था। एक दिव्य वर्ष 360 मानव वर्षो के बराबर होता है। इस हिसाब से त्रेतायुग का कुल काल हमारे समय के हिसाब से 3600 × 360 = 1296000 (बारह लाख छियानवे हजार) मानव वर्षों का था। इस गणना को याद रखियेगा ताकि आगे की बात समझ सकें।
रावण त्रेतायुग के अंतिम चरण के मध्य में पैदा हुआ था और श्रीराम अंतिम चरण के अंत मे। त्रेता युग मे कुल तीन चरण थे। रामायण में ये वर्णन है कि रावण ने अपने भाइयों (कुम्भकर्ण एवं विभीषण) के साथ 11000 वर्षों तक ब्रह्माजी की तपस्या की थी। इसके पश्चात रावण और कुबेर का संघर्ष भी बहुत काल तक चला। इसके अतिरिक्त रावण के शासनकाल के विषय मे कहा गया है कि रावण ने कुल 72 चौकड़ी तक लंका पर शासन किया। एक चौकड़ी में कुल 400 वर्ष होते हैं। तो इस हिसाब से रावण ने कुल 72 × 400 = 28800 वर्षों तक लंका पर शासन किया।
इसके अतिरिक्त रामायण में ये वर्णित है कि जब रावण महादेव से उलझा और महादेव ने उसके हाथ कैलाश के नीचे दबा दिए तब रावण 1000 वर्षों तक उनसे क्षमा याचना (उनकी तपस्या) करता रहा और उसी समय उसने शिवस्त्रोत्रतांडव की रचना की। हालांकि ऐसा उसके लंका शासनकाल में ही हुआ इसीलिए इसे मैं अलग से नही जोड़ रहा।
तो रावण के शासनकाल और तपस्या के वर्ष मिला दें तो 11000 + 28800 = 39800 वर्ष तो कहीं नही गए। तो इस आधार पर हम ये कह सकते हैं कि रावण की आयु कम से कम 40000 वर्ष तो थी ही (उससे भी थोडी अधिक हो सकती है)। अर्थात वो करीब 112 दिव्य वर्षों तक जीवित रहा।
श्रीराम और माता सीता के विषय मे वाल्मीकि रामायण मे कहा गया है कि देवी सीता श्रीराम से 7 वर्ष 1 माह छोटी थी। श्रीराम विवाह के समय 25 वर्षों के थे तो इस हिसाब से माता सीता की आयु उस समय 18 वर्षों की थी। विवाह के पश्चात 12 वर्षों तक वे दोनों अयोध्या में रहे उसके बाद उन्हें वनवास प्राप्त हुआ। इस हिसाब से वनवास के समय श्रीराम 37 और माता सीता 30 वर्ष की थी। तत्पश्चात 14 वर्षों तक वे वन में रहे और वनवास के अंतिम मास में श्रीराम ने रावण का वध किया। अर्थात 51 वर्ष की आयु में श्रीराम ने 40000 वर्ष के रावण का वध किया। तत्पश्चात श्रीराम ने 11000 वर्षों तक अयोध्या पर राज्य किया। तो उनकी आयु भी हम तकरीबन 11100 वर्ष (30 दिव्य वर्ष) के आस पास मान सकते हैं।
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