स्थान आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 से करीब 18 किलोमीटर एवं आगरा-नोयडा यमुना एक्सप्रेस-वे से करीब 5 किलोमीटर दूर मथुरा जनपद में शेरगढ़-नौहझील मार्ग पर जहां श्री झाड़ी वाले हनुमान जी के मन्दिर का है जहां शनिवार और मंगलवार को भक्तों का सैलाब उमड़ता नजर आता है। श्री झाड़ी वाले हनुमान जी की रहस्य उत्पन्नि की काफी लम्बी कहानी है जहां हनुमान जी का मन्दिर है वहां प्राचीन झाडियां जो आज भी वहां मौजूद हैं के मध्य हजारों वर्ष पूर्व तेज आवाज के साथ जमीन फटने से हनुमान जी की प्रतिमा स्वत प्रकट हुई। जिसे झाड़ियों से निकालने के लिये खुदाई कराई लेकिन समुद्र तल तक खुदाई होने के बाद भी जब प्रतिमा का सिरा नजर नहीं आया तो मूर्ति की स्थापना झाड़ियों में ही करा दी गई।
इसके बाद से वहां पूजन कार्य शुरू हो गया और देखते ही देखते श्री हनुमान जी चमत्कारिक एवं दिव्य आलौकिक शक्तियों से प्रभावित होकर भक्तों का सैलाब जुड़ता चला गया जहां आज प्रति वर्ष देश-विदेश के लाखों भक्त मन्दिर के दर्शन कर भक्ति से नमन करते हैं।श्री झाड़ी वाले हनुमान जी की अद्धभुत शक्तियों की बातें करें तो यहां हजारों भक्त उनकी चमत्कारिक घटनाओं का उल्लेख करते नजर आते हैं। जिसमें एक घटना करीब 5-6 दशक पूर्व की का उल्लेख करते हुए बताते हैं कि कुछ बदमाश हनुमान जी प्रतिमा की बेशकीमती आंखों को चुराकर ले जा रहे थे कि मन्दिर प्रांगण से निकलते ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई और वह अन्धे हो गये।
जिनकी चीख-पुकार सुनकर वहां से गुजर रहे थानाध्यक्ष नौहझील वैकन्ट रमण ने सुनी तो वह बदमाशों के पास पहुंचे और चमकती आखों के साथ बदमाशों को थाने ले गये। जहां चमकती हुई आखों पर थानाध्यक्ष की नियत खराब हो गई। जिसके बाद थानाध्यक्ष की आखों की रोशनी भी चली गई। जिन्हें रात्रि में स्वप्न में हनुमान जी द्वारा गलती का अहसास कराने पर उन्होंने बदमाशों को छोड़ा ही बल्कि वह हनुमान जी के चरणों में पहुंचे और आंखें चरणों में रखकर क्षमा याचना की। जिसके बाद उनकी आंखों की रोशनी लौट आयी। इससे प्रभावित थानाध्यक्ष नौकरी छोड़कर श्री हनुमान जी की भक्ति करते हुए ब्रह्मलीन हो गये। जिनकी समाधि आज भी हनुमान जी के बगल में बनी हुई है जिसकी पूजा आज भी भक्त करते हैं।
श्री कटारा करीब एक दर्जन क्षेत्रीय लोगों एवं संतों के नामों का उल्लेख करते हुए बताते हैं कि उन्होंने हनुमान जी की गलत तरीके से सिद्धियां हांसिल करने की कोशिश की तो वह पागल हो गये। जिनमें से कई की मौत हो चुकी है और कई आज भी पागल की अवस्था में घूमते हुए क्षेत्र में देखे जा सकते हैं।
श्री हनुमान जी की कलयुग में भी अगर वास्तविक रूप में दिव्य एवं आलौकिक शक्यिां देखनी होतों श्री झाड़ी हनुमान मन्दिर पर देखी जा सकती है। श्री झाड़ी वाले हनुमान जी का मन्दिर विशाल क्षेत्रफल में है जहां आस्तिक के साथ नास्तिक भी ‘संकट कटे मिटे सब पीड़ा, जो सुमिरें हनुमत बलवीरा’’ का जाप करते हुऐ बड़ी संख्या में शनिवार एवं मंगलवार को नजर आयेंगे।
॥ जय झाड़ी वाले हनुमान॥
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