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Tuesday, 6 April 2021

काली शतनाम स्तोत्रम्

 


🍃काली शतनाम स्तोत्रम् ।।🍃

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काली शतनाम स्तोत्र का पाठ करने वाला भूमंडल के सभी पदार्थों को प्राप्त कर लेता है । कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को जब मंगलवार हो तब इसका सौ बार पाठ करने से मनुष्य शास्त्रज्ञ होता है । ऐसे मनुष्य को आणिमादि सिद्धियों की लब्धि होती है । यदि कोई बिल्ववृक्ष या पीपल वृक्ष की जड में बैठकर रात्रि के समय इस स्तोत्र का सौ बार पाठ करे तो काली की कृपा से मंत्रसिद्धि होती है । ऐसा शिवकथन है ।


शिवोवाच


ॐ करालवदना कालीं कामिनी कमलालया ।

क्रियावती कोटराक्षी कामाक्षा कामसुन्दरी ॥

कपोला च कराला च काशी कात्यायनी कुहूः ।

कङ्काली कालदमनी करुणा कमलार्चिता ॥

कादम्बरी कालहरा कौतुकी कारणप्रिया ।

कृष्णा कृष्णाप्रिया कृष्णपूजिता कृष्णवल्लभा ॥

कृष्णाऽपराजिता कृष्णप्रिया च क्रुष्णरूपिणी ।

कालिका कालरात्रिश्च कुलजा कुलपण्डिता ॥

कुलधर्मप्रिया कामा काम्यकर्म विभूषिता ।

कुलप्रिया कुलरता कुलीन परिपूजिता ॥

कुलज्ञा कमला पूज्या कैलाश नगभूषिता ।

कुटजा केशिनी कामा कामदा कामपण्डिता ॥

करालास्या च कन्दर्पकामिनी कामशोभिता ।

केलिप्रिया केलिरता केलिनी केलिभूषिता ॥

केशवस्य प्रिया केशा काश्मीरा केशवार्चिता ।

कमेश्वरी कामरूपा कामदान विभूषिता ॥

कामहंत्री कूर्ममांसप्रिया कूर्मादि पूजिता ।

केलिनी करकी कारा करकूर्म निषेविनी ॥

कटकेशर मध्यस्था कटकी कटकार्चिता ।

कटप्रिया कटरता कटकूर्म्म निषेविनी ॥

कुमारी पूजनरता कुमारी जनसेविता ।

कुलाचार प्रिया कौलप्रिया कुलनिषेविनी ॥

कुलीना कुलधर्मज्ञा कुलभीति विमर्दिनी ।

कामधर्मप्रिया कामा नित्याकाम स्वरूपिणी ॥

कामरूपा कामहरा काममन्दिर पूजिता ।

कामागारस्वरूपा च कामाख्या कामभूषिता ॥

क्रियाभक्तिरता कामा काञ्चिनी चैव कामदा ।

कोलपुष्पाम्बरा कोला निष्कोला कलहान्तिका ॥

कौशिकी केतिकी कुम्भी कुन्तिला दिविभूषिता । सिध्यन्ति भूतलब्रह्माविष्णुश्च रुद्रश्च वासवाद्या दिवौकराः ।

सहस्त्रपठनाद्देवि सर्वे च विगतज्।

प्रपठेत् कालिकास्तोत्रं यथाभक्त्या महेश्वरी ॥

शतवार प्रपण्नान्मंत्रसिद्धिं भवेद् ध्रुवम्

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