Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

Tuesday, 20 April 2021

पल्स ऑक्सीमीटर क्या है? कैसे करता है काम?

 


पल्स ऑक्सीमीटर क्या है?


दरअसल, यह एक ऐसा छोटा डिवाइस है, जो शरीर में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल (oxygen saturation level) को मापने में हमारी मदद करता है। स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन में भर्ती मरीजों का समय-समय पर ऑक्सीजन लेवल पूछता है, जिससे ऑक्सीजन कम होने पर समय से अस्पताल पहुंचाया जा सके। यही वजह है कि पल्स ऑक्सीमीटर की मांग बढ़ गई है। ताजा स्थिति यह है कि बाजार में ऑक्सीमीटर की कमी पड़ने लगी है।


इससे ये पता चलता है कि लाल रक्त कणिकाएं (RBCs) कितना ऑक्सीजन यहां से वहां ले जा रही हैं। इसे पीपीओ यानी पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर भी कहा जाता है। इस डिवाइस के जरिए डॉक्टर, नर्स या किसी भी स्वास्थ्य पेशेवर को यह पता करने में मदद करती है कि किसी व्यक्ति को अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता है या नहीं।


कैसे करता है काम?


पल्स ऑक्सीमीटर ऑन करने पर अंदर की ओर एक लाइट जलती हुई दिखाई देती है। यह आपकी त्वचा पर लाइट छोड़ता है और ब्लड सेल्स के रंग और उनके मूवमेंट को डिटेक्ट करता है। आपके जिन ब्लड सेल्स में ऑक्सीजन ठीक मात्रा में होती है वे चमकदार लाल दिखाई देती हैं, जबकि बाकी हिस्सा गहरा लाल दिखता है। बढ़िया ऑक्सीजन मात्रा वाले ब्लड सेल्स और अन्य ब्लड सेल्स यानी कि चमकदार लाल और गहरे लाल ब्लड सेल्स के अनुपात के आधार पर ही ऑक्सीमीटर डिवाइस ऑक्सीजन सैचुरेशन को फीसदी में कैलकुलेट करती है और डिस्प्ले में रीडिंग बता देती है।


कितना होना चाहिए ऑक्सीजन लेवल?


अगर डिवाइस 96 फीसदी की रीडिंग दे रही है तो इसका मतलब है कि महज चार प्रतिशत खून कोशिकाओं में ऑक्सीजन नहीं है। इस डिवाइस के जरिए मरीज की ब्लड लेने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इस्तेमाल से पहले ये जानना भी जरूरी है कि खून में ऑक्सीजन का सही स्तर कितना होता है या होना चाहिए. कोरोना संक्रमित लेकिन इसके अलावा स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 95 से 100 फीसदी के बीच होता है।


95 फीसदी से कम ऑक्सीजन लेवल इस बात का संकेत है कि उसके फेफड़ों में परेशानी हो रही है। वहीं, ऑक्सीजन का लेवल अगर 94 प्रतिशत से नीचे जाने लगे तो सचेत हो जाना चाहिए और अगर ये स्तर 93 या इससे नीचे हो जाए तो मरीज को फौरन अस्पताल ले जाना चाहिए क्योंकि ये संकेत है कि उसके शरीर की आठ फीसदी तक कोशिकाएं ऑक्सीजन का प्रवाह नहीं कर पा रही हैं।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot