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*🏵कोई आपके पैर छुए तो आपको क्या-क्या करना चाहिए?*
*किसी के पैर छूने का मतलब है, उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मनमें समर्पण का भाव आता है, तो अहंकार खत्म हो जाता है। पुराने समयसे ही परंपरा चली आ रही है कि, जब भी हम किसी विद्वान व्यक्ति या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छुते हैं।*
*इस परंपराको मान-सम्मान की दृष्टिसे देखा जाता है। यह बात तो सभी जानते हैं कि, बड़ोंके पैर छुना चाहिए।लेकिन यह बात कम ही लोग जानते हैं कि, जब कोई हमारे पैर छुए, तो हमें क्या करना चाहिए ?*
*पैर छुुना महत्वपूर्ण परंपरा है, और आज भी इसका पालन अधिकतर लोग करते हैं। इस परंपराके संबंधमें कई नियम भी हैं। इस परंपराके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण बताए गए हैं।*
*जब भी कोई व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, आपके पैर छुए, तो उन्हें आर्शीवाद तो देना चाहिए। साथ ही भगवान का नाम भी लेना चाहिए।*
*आमतौर पर हम इस बात का ध्यान रखते हैं कि, हमारा पैर किसी को ना लगे। ऐसा होने पर हमें दोष लगता है और जब कोई हमारे पैर छुता है तब भी हमें दोष लगता है।*
*अत: इस दोषसे बचने के लिए यहां दिए गए उपाय अवश्य करना चाहिए।*
*शास्त्रों में लिखा है कि,*
*अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:।*
*चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।।*
*इस श्लोक का अर्थ यह है कि, जो व्यक्ति रोज बड़े-बुजुर्गोंके सम्मानमें प्रणाम और चरण स्पर्श करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और शक्ति बढ़ती जाती है। जब भी कोई हमारे पैर छूता है, तो उस समय भगवान का नाम लेने से पैर छूने वाले व्यक्ति को भी सकारात्मक फल मिलते हैं।*
*आशीर्वाद देनेसे पैर छूने वाले व्यक्ति की समस्याएं खत्म होती हैं। उम्र बढ़तीहै और नकारात्मक शक्तियोंसे उसकी रक्षा होती है। हमारे द्वारा किए गए शुभ कर्मोंका अच्छा असर पैर छुने वाले व्यक्ति पर भी होता है।*
*जब हम भगवानको याद करते हुए किसी को सच्चे मनसे आशीर्वाद देते हैं तो उसे लाभ अवश्य मिलता है। किसीके लिए अच्छा सोचने पर हमारा पुण्य भी बढ़ता है।*
*पैर छूना या प्रणाम करना, केवल एक परंपरा नहीं है। यह एक वैज्ञानिक क्रिया है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकाससे जुड़ी है। पैर छूनेसे केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता, बल्कि बड़ोंके स्वभाव की अच्छी बातें भी हमारे अंदर उतर जाती है।*
*पैर छूने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे शारीरिक कसरत होती है। आमतौर पर तीन तरीकों से पैर छुए जाते हैं।*
*पहला तरीका - झुककर पैर छूना।*
*दूसरा तरीका - घुटने के बल बैठकर पैर छूना।*
*तीसरा तरीका - साष्टांग प्रणाम करना।*
*क्या है फायदे?*
*झुककर पैर छूना - झुककर पैर छूनेसे हमारी कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है।*
*घुटने के बल बैठकर पैर छूना - इस विधिसे पैर छूने पर हमारे शरीरके जोड़ों पर बल पड़ता है। जिससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।*
*साष्टांग प्रणाम - इस विधि में शरीरके सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए सीधे तन जाते हैं। जिससे शरीर का स्ट्रेस दूर होता है। इसके अलावा झुकनेसे सिरका रक्त प्रवाह व्यवस्थित होता है। जो हमारी आंखों के साथ ही पूरे शरीर के लिए लाभदायक है।*
*पैर छूनेके तीसरे तरीके का सबसे बड़ा फायदा यह है कि, इससे हमारा अहंकार खत्म होता है। किसीके पैर छूनेका मतलब है, उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मनमें समर्पण का भाव आता है तो अहंकार खत्म हो जाता है ।*
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