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Friday, 5 March 2021

महा विध्वंशक क्रित्या पुरुष जिनके सामने सबकी पराजय हुआ

 कृत्या संसार की प्रबलतम शक्ति है । यह कठिन से कठिन कार्य करने में समर्थ है क्योंकि मानव शरीर पंच तत्त्वों से निर्मित होता है ,पर कृत्या का निर्माण मात्र तीन तत्त्वों से हुआ है। इसी लिए इसकी शक्ति अप्रतिम है और इसका वेग मन से भी ज्यादा तीव्र है। जब कृत्या चौबीसों घंटे आपके सामने दिखाई देने लगे तो समझिए कि आपकी साधना सफल है। इसके बाद आप उसे दूर स्थित कोई भी वस्तु लाने का आदेश दे सकते हैं वह कुछ ही क्षणों में ला कर आपको दे देगी…

कृत्या साधना 

अपने नाम से ही भयभीत करती है क्योंकि यह एक संहारक शक्ति है और आदि काल से ऋषियों ने समय आने पर इसका प्रयोग किया है। यह एक गोपनीय विद्या है और इसकी संहारक शक्ति को देखते हुए इसे गोपनीय ही रखना उचित समझा गया। यही समझ लीजिए कि तंत्र के क्षेत्र में यह परमाणु शक्ति के समान है और घातक प्रभाव दे सकती है परंतु अगर इसी शक्ति को अनुशासित तरीके से प्रयोग किया जाए तो यह मानव हित का कार्य कर सकती है। आइए देखते हैं कि कृत्या है क्या?  आपने पुराणों या धार्मिक ग्रंथों में यह पढ़ा ही होगा कि किस तरह से विपत्ति काल में देवताओं या राक्षसों ने अपने शरीर के तेज से एक विशेष शक्ति संपन्न पुरुष या स्त्री रूप उत्पन्न किया और उससे शत्रु का संहार कर विपत्ति से छुटकारा पा लिया। धार्मिक ग्रंथों में इस तरह के प्रकरण  बार-बार आए हैं । उदाहरण के लिए दक्ष का यज्ञ विध्वंस करने के लिए भगवान शिव ने कृत्या पुरुष का सहारा लिया था। भस्मासुर का अंत करने के लिए श्रीविष्णु ने कृत्या रूपी मोहिनी को उत्पन्न किया था। वास्तव में कृत्या एक विशेष शक्तिसंपन्न दैवी ऊर्जा है जो असंभव कार्यों को भी सफल बनाने की क्षमता रखती है। यह न तो देवताओं की श्रेणी में है और न ही इसे राक्षस या पिशाच की श्रेणी में रखा जा सकता है। यह शुद्धरूप से मानस अंश है जो साधक की इच्छा के अनुसार मानस कन्या या मानस पुरुष का रूप धारण करती है। आज के दौर में भी कृत्या अनेक तरह से सहायक सिद्ध हो सकती है परंतु सोच सकारात्मक होनी चाहिए।

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