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Monday, 22 February 2021

बड़ी सुन्दर सत्य कथा है - बांके बिहारी की

 

🌹 बड़ी सुन्दर सत्य कथा है 🌹


वृंदावन में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह बांके बिहारी से असीम प्यार करता था। वह बांके बिहारी का इतना दीवाना था कि सुबह शाम जब तक वह मंदिर ना जाए उसे किसी भी काम में मन नहीं लगता था। मंदिर में जब भी भंडारा होता वह प्रमुख रूप से भाग लेता.


एक दिन ब्राह्मण की बेटी की शादी तय हो गई और  जिस दिन ब्राह्मण की बेटी की शादी तय हुई उसी दिन ब्राह्मण का बांके बिहारी के मंदिर में भी ड्यूटी लग गई ब्राह्मण परेशान हो गया कि वह करें तो क्या करें बेटी की शादी भी जरूरी है और बांके बिहारी की आज्ञा भी ठुकरा नहीं सकता।  ब्राम्हण ने सोचा कि अगर यह बात वह अपनी पत्नी से बताएगा तो उसकी पत्नी नाराज हो जाएगी वह कहेगी कि कोई क्या अपनी बेटी की शादी भी


छोड़ता है। 1 दिन अगर तुम भंडारे में नहीं जाओगे तो भंडारा रुक नहीं जाएगा कोई और संभाल लेगा लेकिन बेटी की शादी दोबारा तो नहीं होगी।


ब्राह्मण परेशान हो गया था वह जानता था कि कुछ भी हो जाएगा उसकी पत्नी उसे भंडारे में जाने नहीं देगी।  लेकिन उसका मन नहीं मान रहा था वह अपने बांके बिहारी से नजरे नहीं चुरा सकता था तो उसने अपनी बेटी की शादी के दिन ही अपने घर में बिना बताए चुपचाप समय से पहले ही मंदिर पहुंच चुका था।


मंदिर में जाकर प्यार से सब को भंडारा खिलाया और शाम होते ही जल्दी से घर वापस पहुंचा क्योंकि बेटी की शादी में भी पहुंचना था लेकिन  ब्राह्मण को पहुंचते-पहुंचते देर हो चुकी थी और बिटिया की शादी हो कर बिटिया की विदाई भी हो चुकी थी।


वह घर पहुंचा तो उसकी पत्नी उसे बोली आओ चाय पी लो बहुत थक चुके होंगे।   सोचने लगा कि घर वाले कोई भी उसे डांट नहीं रहे हैं और ना ही परिवार के कोई भी सदस्य उससे कोई सवाल कर रहा है कि वह शादी में नहीं था फिर भी पत्नी सही से उसे प्यार से बात कर रही थी।


ब्राह्मण ने भी सोचा छोड़ो क्या गड़े मुर्दे उखाड़ना है जो हो गया सो हो गया सब प्रभु की इच्छा है पत्नी अगर प्यार से बात कर रही है इससे अच्छी बात क्या है।


कुछ दिनों के बाद बेटी की शादी में जो फोटोग्राफी हुई थी फोटोग्राफर शादी का एल्बम घर पर दे गया।  ब्राह्मण सोचा इस शादी में तो शरीक हुआ नहीं था चलो एल्बम देख लेता हूं बेटी की शादी कैसी हुई थी। मगर यह क्या वह तो देख रहा है इस शादी में हर जगह उसकी भी तस्वीर है  जो जगह जगह विवाह की जिम्मेदारियाँ सम्भल रहे थे ब्राह्मण फूट फूट कर रोने लगा और कहने लगा प्रभु तेरी कैसी लीला है!वो रोता हुआ बिहारी जी के मंदिर पहुँचा और चरणी में गिरकर बोला प्रभु मैं जीवन भर तुम्हारी नियमत रूप से सेवा करूंगा!


 🙏🏻जय श्री कृष्णा🙏🏻


कोई कमी नहीं उस घर में

जिस घर में हरि करते निवास

श्री कृष्ण सहारा जीवन का

बस इतना रखना विश्वास


🙏🏻प्रेम से बोलो राधे राधे🙏🏻

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