....... सभी दुखों का निदान मां बगलामुखी चालीसा .....
----------------- श्री बगलामुखी चालीसा --------------------
नमो महाविधा बरदा , बगलामुखी दयाल |
स्तम्भन क्षण में करे , सुमरित अरिकुल काल ||
नमो नमो पीताम्बरा भवानी , बगलामुखी नमो कल्यानी |
१| भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविधा वरदानी |
२ | अमृत सागर बीच तुम्हारा , रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |
३ | स्वर्ण सिंहासन पर आसीना , पीताम्बर अति दिव्य नवीना |
४ | स्वर्णभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |
५ | तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, धारे मुद्गर पाश कराला |
६ | भैरव करे सदा सेवकाई , सिद्ध काम सब विघ्न नसाई |
७ | तुम हताश का निपट सहारा , करे अकिंचन अरिकल धारा |
८ | तुम काली तारा भुवनेशी ,त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |
९ | छिन्नभाल धूमा मातंगी , गायत्री तुम बगला रंगी |१० |
सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्रीं बीज के बीज बिराजे |
११ | दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |
१२ | दुष्टोच्चाटन कारक माता , अरि जिव्हा कीलक सघाता |
१३ | साधक के विपति की त्राता , नमो महामाया प्रख्याता
१४ | मुद्गर शिला लिये अति भारी , प्रेतासन पर किये सवारी |
१५ | तीन लोक दस दिशा भवानी , बिचरहु तुम हित कल्यानी |
१६ | अरि अरिष्ट सोचे जो जन को , बुध्दि नाशकर कीलक तन को |
१७ | हाथ पांव बाँधहु तुम ताके,हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके |
१८ |चोरो का जब संकट आवे , रण में रिपुओं से घिर जावे |
१९ | अनल अनिल बिप्लव घहरावे , वाद विवाद न निर्णय पावे |
२० |मूठ आदि अभिचारण संकट . राजभीति आपत्ति सन्निकट |
२१ | ध्यान करत सब कष्ट नसावे , भूत प्रेत न बाधा आवे
२२ | सुमरित राजव्दार बंध जावे ,सभा बीच स्तम्भवन छावे |
२३ | नाग सर्प ब्रर्चिश्रकादि भयंकर , खल विहंग भागहिं सब सत्वर |
२४ | सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलच्चाटन कारी
२५ | स्त्री पुरुष राज सम्मोहक , नमो नमो पीताम्बर सोहक |
२६ | तुमको सदा कुबेर मनावे , श्री समृद्धि सुयश नित गावें |
२७ |शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता , दुःख दारिद्र विनाशक माता |
२८ | यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता , शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता |
२९ | पीताम्बरा नमो कल्यानी , नमो माता बगला महारानी |
३०| जो तुमको सुमरै चितलाई ,योग क्षेम से करो सहाई |
३१ | आपत्ति जन की तुरत निवारो , आधि व्याधि संकट सब टारो |
३२ | पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूँ निहोरी |
३३ | मैं कुपुत्र अति निवल उपाया , हाथ जोड़ शरणागत आया |
३४ | जग में केवल तुम्हीं सहारा , सारे संकट करहुँ निवारा |
३५ | नमो महादेवी हे माता , पीताम्बरा नमो सुखदाता |
३६ | सोम्य रूप धर बनती माता , सुख सम्पत्ति सुयश की दाता |
३७ | रोद्र रूप धर शत्रु संहारो , अरि जिव्हा में मुद्गर मारो |
३८| नमो महाविधा आगारा,आदि शक्ति सुन्दरी आपारा |
३९ | अरि भंजक विपत्ति की त्राता , दया करो पीताम्बरी माता |
४० | रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं , अरि समूल कुल काल |
मेरी सब बाधा हरो , माँ बगले तत्काल ||
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