जलपरियों का रहस्य , Jalpari Ka Rahasya Mermaid
जलपरी ऐसा जलीय जीव है जिसके शरीर का ऊपरी हिस्सा औरत का और निचला भाग मछली जैसा होता है। आईये पहले रूबरू होते है इनके बारे में प्रचलित कुछ दंत कथाओं से जो इनके वजूद की पुष्टि करती है। पौराणकि कथाओं के अनुसार जलपरियां सुरीली धुन में गाना गा कर इंसानों को अपनी ओर आकर्षित करती थी जिससे उनका ध्यान भटक जाता था। उनकी मधुर घ्वनि को सुनकर मनुष्य समुद्री जहाज़ से पानी में कूद जाते थे कई बार पूरा का पूरा जहाज ही समुद्र की तह में समा जाता था। कुछ ऐसी कहानियाँ भी प्रचलित है जिसमें जलपरियां डूबते हुए इंसानों की मदद करने के प्रयास में उनकी जान भी ले लेती थी। क्योंकि वह ऐसा प्रयास करने के दौरान यह भूल जाती है कि मनुष्य पानी के भीतर साँस लेने में असमर्थ हाेते हैं।
यदि हिन्दू पौराणिक कथाओं पर नज़र डाले तो --
इनका जिक्र हमें महाभारत और भारतीय रामायण के थाई व कम्बोडियाई संस्करणों में भी देखने काे मिलता है थाई व कम्बोडियाई संस्करणों में रावण की बेटी सुवर्णमछा का उल्लेख किया गया है। जो कि सोने की जलपरी थी। महाभारत के अनुसार अर्जुन की पत्नी उलूपी का भी जिक्र कई जगह जलपरी के रूप में किया है वह एक नाग कन्या थी जो पानी में रहती थी। इसके अलावा भगवान विष्णु के मत्स्यावतार का उल्लेख भी दखने में आता है जिसके शरीर का ऊपरी भाग मानव का व निछला हिस्सा मछली जैसा था।
असायरिया में 1000 ईसा पूर्व मिली जलपरियों की कहानी के बारे में कहा जाता है कि यह जलपरियों की पहली कहानी है। असायरियन की रानी देवी अटार्गेटिस, जो सेमिरमिस की माँ थी, एक चरवाहे से बहुत प्यार करती थी पर ना चाहते हुए भी उसे अपने प्रेमी को मौत के घाट उतारना पडा। इस बात से वह इतनी शर्मिंदा हो गई थी कि उसने तलाब में छलांग लगा दी और एक मछली का रुप ले लिया। लेकिन जल भी उसकी खूबसूरती को छुपा नहीं पाया और इस कारण उसका आधा शरीर पहले जैसा ही रह गया जबकि शरीर के नीचे का हिस्सा मछली की तरह हो गया। ग्रीक कहानियों में अटार्गेटिस को डेरकेटो भी माना जाता है।
एक मशहूर ग्रीक कथा के अनुसार अलेक्जेंडर द ग्रेट की बहन थेसालॉयनिक मरने के बाद एक जलपरी बन गई थी। जलपरी के रुप में दूसरा जन्म पाने के बाद काफी समय तक जीवित रही और जब भी कभी उसके इलाके से होकर कोई जहाज गुजरता था तो वह हर नाविक से एक ही सवाल पूछती थी कि "क्या महान अलेक्सैंडर जीवित है" जिसका सही जवाब था: "वह जीवित है और विश्व पर राज करता है" यह सुनने के बाद वह बेहद खुश होती थी और जहाज को जाने का रास्ता दे देती थी। लेकिन यदि कोई उसके अनुसार जबाव नहीं देता था तो वह उस जहाज को उसके सवार सहित समुद्र में डूबो देती थी।
अरेबियन नाइट्स:-
यह एक हज़ार एक रात की कहानियों पर आधारित है इसमें कुछ कहानियों में जलमानवों और जलपरियों का भी जिक्र देखने को मिलता है। इतनी ही नहीं एक जलमानव की कहानी के अनुसार इसके जो बच्चे इंसानों के साथ मिलन से हुए है। वह इतने काबिल होते है कि बिना किसी दिक्कत के पानी में आसानी से रह सकते है। इसी प्रकार इस श्रृंखला में एक कहानी "अबदुल्ला द फ़िशरमैन ऐंड अबदुल्ला द मर्मैन" है इसका मुख्य किरदार अबदुल्ला को पानी में सांस लेने की काबिलियत मिल जाती है और वह तैर कर पानी की भीतरी दुनियां में पहुंच जाता है। जहां धन की कोई कीमत नहीं होती है अन्य अरेबियन नाइट्स की कहानियों में ऐसी कईं सभ्यताओं का ज़िक्र है जो तकनीकी रुप से काफी उन्नत थी परंतु अपने मतभेदों के चलते ध्वस्त हो गई।
इसी प्रकार हम अगर चीनी कथाओं पर नज़र डाले तो पुरानी चीनी दंतकथाओं में जलपरियां एक बेहद खास जीव हुआ करती थी जिनके आंसू मोतियों में बदल जाया करते थे। जिस कारण मछुआरें इन्हें पकड़ने की कोशिश में लगे रहते थे। लेकिन वह इतनी सुरीली होती थी कि अपने गाने से मंत्र मुग्ध कर मछुआरों को पानी के भीतर खींच लिया करती थी। अगर हम आये दिन समाचारों और सोशल मीडिया की खबरों पर नज़र डाले तो जलपरियों के देखे जाने के दावे समय-समय पर किए जाते रहे है। ऐसा दावा करने वालों में जावा, पाकिस्तान, ब्रिटिश, कोलंबिया और दो कनेडियाई घटनाओं तक को शुमार किया जा सकता है। जो वैकुवर और विक्टोरिया के नज़दीकी इलाकों में हुई थी। हाल फिलहाल में भारत के पोरबंदर के पास माधुपुरा गाँव के पास समुद्र तट पर एक जलपरी मृत अवस्था मिलने की खबरें सोशल मीडिया में काफी छाई हुई थी। घटनाऐं काफी हुई है लेकिन इन सभी में कितनी सच्चाई है यह तो कहना मुश्किल है। अगर हम वैज्ञानिक व विशेषज्ञों की दृष्टि से देखे तो मर्मेड या जलपरी जैसे किसी भी जीव का कोई वजूद नहीं है, यह सिर्फ मनुष्य द्वारा कि गई एक कोरी कल्पना है। मनुष्य की यह फिदरत होती है कि जब तक वह अपनी आँखों से कोई चीज़ देख न ले तब तक उसके होने न होने को लेकर वह असमंजस में रहता है और यदि जलपरी का वाकई कोई वजूद है तो वह एक न एक दिन हमारे सामने जरूर आएगी।
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