पुरानों के अनुसार पाताल के आठ नागों में एक नाग का नाम तक्षक था. जो कश्यप का पुत्र था. राजा परीक्षित को इसी ने काटा था. इसके चलते राजा परीक्षित के बेटे राजा जनमेजय इस पर बहुत बिगड़े. उन्होंने संसार भर के सांपों का नाश करने के लिए सर्पयज्ञ आरंभ किया. बताते हैं कि तक्षक इससे डरकर इंद्र की शरण में चला गया. इस पर जनमेजय ने अपने ऋषियों को आज्ञा दी कि इंद्र यदि तक्षक को न छोड़े तो उन्हें भी मंत्रों के जरिए तक्षक के साथ खींचकर भस्म कर दिया जाए.
जब तक्षक खिंचकर अग्निकुंड के समीप पहुंचा, तब जनमेजय से प्रार्थना की गई. तक्षक के प्राण बच गए. इसके बाद इस प्रजाति के जो सांप हुए, उन्हें तक्षक कहा जाने लगा. ये रंग और आकार-प्रकार में खास तरह के होते हैं. प्राचीन काल इन सांपों की पूजा भी की जाती थी. तिब्बत, मंगोलिया और चीन के निवासी अब तक अपने आपको तक्षक या नाग के वंशधर बतलाते हैं. चार साल के बाद सांपों का विकास धीरे-धीरे होता है. वो एक साल में कुछ सेंटीमीटर ही बढ़ते हैं. जैसे-जैसे वो उम्रदराज होते हैं उनका रंग हल्का पड़ने लगता है. हालांकि जंगली सांपों की उम्र ज्यादा होती है. सामान्य मामलों में सांपों की उम्र 10 से 15 साल तक होती है. लेकिन कुछ सांप 25 साल तक भी जीते हैं. सबसे ज्यादा उम्र किंग कोबरा की मानी गई है, जो करीब 40-45 वर्ष है.
छोटे सांप प्राय दस-पंद्रह साल जीते हैं जबकि अजगर आसानी से 25 से लेकर 40 साल तक जी सकता है. इसे लेकर शक है. हालांकि सपेरों का कहना है कि भारत में जंगलों में रहने वाले कुछ सांपों की उम्र ज्यादा होती है. हालांकि उनको लेकर जो दावे वो करते हैं, उसे सर्प विज्ञानी सही नहीं मानते. कुछ सपेरे अक्सर मूंछों वाले सांप का भी प्रदर्शन करते हैं, जिसकी उम्र वो सौ साल के आसपास बताते हैं.
No comments:
Post a Comment