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Tuesday, 3 September 2019

Mool Mantra

जपजी साहिब एक मूल मंत्र से आरंभ होता है, जो इस प्रकार है:इक ओंकार सतिनामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु
अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि।।

इस मूल मंत्र में प्रभु के गुण नाम कथन किए गए हैं। मूल मंत्र इक ओंकार से आरंभ होता है जिसका अथ है कि ‘ईश्वर एक ही है’। यही कारण है कि सिख धर्म एकेश्वरवाद के सिद्धांतों पर चलता है।

इस मूल मंत्र को पढ़ने के कुछ नियम है, जैसे कि सभी मात्राएं पढ़ी नहीं जाती। कुछ मात्राएं होते हुए भी, उच्चारित करते समय बोली नहीं जाती, इसलिए आपकी सहायता के लिए हम यहां हिंगलिश में भी मूल मंत्र दे रहे हैं - Ik onkar satnam karta purakh nirbhao nirvair, Akal murat ajuni saibhang gurparsad













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