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Wednesday, 4 September 2019

सूर्य को जल चढ़ाने पर मिलता है मनचाहा वरदान


सूर्य देव कलयुग के प्रमुख और साक्षी देवता हैं, इसलिए इनकी पूजा करने और इन्हें जल चढ़ाने का खास महत्व है। सूर्य देव की पूजा किस तरह करनी चाहिए और इससे क्या-क्या लाभ मिलते हैं, इसकी जानकारी कई धर्मग्रंथों में मिलती है। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त रखें ध्यान
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनें।

जब सूर्य लालिमा युक्त हो उस समय उनके दर्शन करके अर्घ्य देना शुभ होता है।

अर्घ्य देते समय हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की सातों किरणें  शरीर पर पड़ती हैं। सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की भी कृपा रहती है।

तीन परिक्रमा करें।

मनोवांछित फल पाने के लिए प्रतिदिन इस मंत्र का उच्चारण करें- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।। 
वैदिक काल से सूर्योपासना अनवरत चली आ रही है। भगवान सूर्य के उदय होते ही संपूर्ण जगत का अंधकार नष्ट हो जाता है और चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश फैल जाता है। सृष्टि के महत्वपूर्ण आधार हैं सूर्य देवता। सूर्य की किरणों को आत्मसात करने से शरीर और मन स्फूर्तिवान होता है। 
नियमित सूर्य को अर्घ्य देने से हमारी नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है। बल, तेज, पराक्रम, यश एवं उत्साह बढ़ता है। 

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