Apsara Sadhana
पहली रात मुझे कुछ भी अनुभव नहीं हुआ दूसरी रात को बैठा ही था कि ऐसा महसूस हुआ किकोई वस्तु मेरेपास से सनसनाती हुई निकली है औरथोड़ी ही देर में घुघरूओ की
आवाजे आना शुरू हो गयी यह सब देखकर मन में भय का संचार हो रहा था म -गर अपने आप पर कंट्रोल रखा तीन -चार दिनों तक ऐसा ही चलता रहा छटवे दिन जैसे ही साधना पर बैठा एक अत्यंत सुन्दर स्त्री मेरे पास आकर घुटने से घुटना सटाकर बैठ गयी उसके सारे शरीर से अष्ट गंध जैसी सुगंध प्रवाहित हो
रही थी सांसो में तेजी आ गयी और मेरे सारे शरीर में कपकपी सी छूटने लगी
तभी मैंने अपने मन पर नियन्त्रण रखते हुए मन्त्र जप चालू रखा जैसे- तैसे वह
रात्रि काटी अब सातवे दिन की ही साधना शेष थी जब मैंने सातवे दिन जैसे ही साधना शुरू की तब वह अप्सरा मेरे सामने प्रकट हुई आज वह सोलह श्रृंगार क
रके आयी थी मेरे शबर का बाँध टूटा जा रहा था जैसे ही मेरा मन्त्र जाप समाप्त
हुआ तब मैंने उसके गले में पुष्पों की माला गले में डाल दी और जीवन भर साथ रहने का वचन भी ले लिया वह मेरे बुलाने पर आज भी मेरे सामने आती है और मेरा मनोरंजन करती है मुझे धन धान्य भी प्रदान करती है इस प्रकार से उस साधक ने बता दिया था कि आज भी अप्सरा सिद्ध होती है कोई भी इस प्रकार की साधना कर लाभ प्राप्तकर सकता है हमारे कई ऋषि मुनियो ने इन साधना-ओ को सिद्ध किया था जैसे -स्वामी निखिलेस्वरानंदजी ,आदि शंकराचार्य और
श्री गोरखनाथजी,वीरविक्रमादित्यजी महाराज स्वयं शंकरजी को क्षिप्रा अप्सरा
सिद्ध थी जो आज भी क्षिप्रा नदी के रूप में उज्जैन में बह रही है इस प्रकार से बहुत सारे योगी यति सन्यासियो को कई कई अप्सराये सिद्ध है और वे इनसे अपना कार्य करते है सोचिये जहा योगी लोग जंगल में या हिमालय में तपस्या
करते है वह उनके पास खाने के लिए वस्तए कहा से आती है वह इसी तरह की साधनाए करके हमसे औरआपसे से भी ज्यादा मोटे गद्दो पर सोते है हम से भी ज्यादा अच्छा भोजन करते है एक बार तो यहाँ तक सुनने को मिला था कि कुछ
सन्यासी तो इनसे पैर भी दब बाते है और वे अप्सराये चू तक नहीं कर सकती क्योकि उन्हें मालुम है कि ये सन्यासी कितनी उच्चकोटि का है और हमें भी यही से उच्चकोटि की साधनाए प्राप्त हो सकती है शायद हमें पता नहीं है कि ये अप्सरा भी अत्यंत उच्चकोटि की सिद्धिया प्राप्त होती है और ये अपने साधक को हर
क्षण कुछ न कुछ प्रदान करने के लिए कोशिश करती रहती है शायद हमें ये भी नहीं पता कि ये भटके हुए मनुष्यो को भगवान की ओर ले जाने वाली होती है
वस्तुतः यह हमारे जीवन के लिए वरदान स्वरूप ही होती है हमलोगो को पूरा
प्रयत्न करके किसी योगी की सेवा करके ऐसी साधना अवश्य ही प्राप्त करनी चाहिए एक और बात कहना चाहूँगा कि हमारे मानव जीवन में सबसे ज्यादा
धन की कमी होती है जिसके कारण हां अपनी इच्छाओ की पूर्ति नहीं कर पाते
मगर इस प्रकार की साधना के माध्यम से हम अटूट धन संपत्ति के स्वामी बन जाते है अप्सरा की ये खासियत होती है कि ये हमसे जितनी बार भी मिलती है
उतनी ही बार ये हमें उपहार स्वरूप गहने रूपये प्रदान करती रहती है .
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